Mujhe Meri Tarah

सुबह भी तू, है तू शाम भी
है दर्द तू, आराम भी
सफ़र भी तू, मेरा क़याम भी
है कुछ नहीं, और तमाम भी

मुझे मेरी तरह है तू भी चाहता
जान के दिल को मिला है अब सुकूँ
कमी जो थी कभी, हुई पूरी सभी
एक पल भी दूरी अब ना सह सकूँ

अधूरा था तेरे बिना
तेरे होने से कामिल हूँ मैं
है मेरी ये खुशक़िस्मती
तेरी ज़िंदगी में शामिल हूँ मैं

जो तू ना होता, मेरा क्या होता?
तसव्वुर भी ये मुश्किल है
मैं कश्ती हूँ जिस दरिया की
उस दरिया का तू साहिल है

मुझे मेरी तरह है तू भी चाहता
जान के दिल को मिला है अब सुकूँ
कमी जो थी कभी, हुई पूरी सभी
एक पल भी दूरी अब ना सह सकूँ



Credits
Writer(s): Rishabh Srivastava, Syed Amir Hussain
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link