Shayad Yahi Behtar Hai (Acoustic)

मुझे लगा था के तेरे और मेरे बीच में सब पानी जैसा साफ़ है
तभी तो ख़ुद को मैं तुझको ऐसे सौंपता चला गया

जो अच्छे पल बिताए थे, उनमें तू थी भी या नहीं
यही सोचूँ मैं हारा सा
जैसे हम प्यार करते थे, करते-करते रोते भी थे
क्या वो सब भी झूठा था?

पूरा था मैं तेरे साथ, शायत तू पूरी नहीं
नादानी में क्या गँवा बैठी, तुझे कोई अंदाज़ा नहीं

मुश्किल है पर सीख रहा हूँ तेरे बिन जीना
दूरी मुश्किल है पर साथ भी मुश्किल था

शायद यही बेहतर है
शायद यही बेहतर है
शायद यही बेहतर है

तरसते हैं लोग ऐसा साथ पाने को
जहाँ बस सच हो, कुछ ना हो छुपाने को
ऐसा ही कुछ साथ मेरा तेरे लिए था
बिन सोचे-समझे सब चाहतें तेरी पूरी करता रहा, ओ
ऐसे जब हो जाओ तो हो जाती है बेकदरी
मालूम ना था मुझको ये पहले

कमज़ोर ना मुझको समझना तू
चाह कर तुझको जाने दिया
चाहता तो हिसाब ले भी सकता था
पर मैं वैसा नहीं

मुश्किल है पर सीख रहा हूँ तेरे बिन जीना
दूरी मुश्किल है पर साथ भी मुश्किल था

शायद यही बेहतर है
शायद यही बेहतर है
शायद यही बेहतर है

इस पूरे समय में मैं मन की उलझनों से लड़ता रहा
पूछता रहा ख़ुद से, "क्या मैं सही कर रहा?"
इस पाक मन को तो कोई ख़बर ना थी कि तुझको
इक पल ना लगा तुझको बाँहें, बाँहें बदलने को

'गर फ़ितरत पता तेरी होती तो
पहले ही सँभल मैं जाता
ना लेता इतने क़दम तेरी और
ख़ुद की मैं ख़ुदी ना गँवाता

मुश्किल है पर सीख रहा हूँ तेरे बिन जीना
दूरी मुश्किल है पर साथ भी मुश्किल था

शायद यही बेहतर है
शायद यही बेहतर है
शायद यही बेहतर है



Credits
Writer(s): Mayur Nagpal
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