Saalgirah

दुनिया में जब आया
कैसा दिन था वो
जाने कहा से आया
किस्से मैं पूछूं

ऐसे ना देखो मुझको
पागल थोड़ा हूँ
पर दिल मेरा अभी भी
धड़कें यह जब भी

गाता है
अपने लिए
अकेला यह पर
मनाता है

सालगिरह
उन् लम्हों की
सालगिरह
दुःख दर्दों की

यह कहानियां है जो मेरी
मेरी ही रहेंगी
पर बातें यह कहता हूँ जो
तेरे दिल को लगेंगी
क्युकी मैं भी तो था एक दिन
तेरे ही जैसे
बस यूँही हम दोनों गए मिल
और शायद तेरा भी दिल

गाता है
अपने लिए
अकेला यह पर
मनाता है

सालगिरह
उन् लम्हों की
सालगिरह
दुःख दर्दों की

क्या सिर्फ मैं ही हूँ?
तू भी तो है
वो भी है
सभी तो खोएं हुए हैं यहाँ पे!
तो फिर क्या चाहता है यह दिल?
किसे चाहता है?
पता नहीं शायद
शायद बस इतना चाहता है कि
कोई पास आये
हाथ थामे
और बस इतना कहदे कि
तू अकेला नहीं है



Credits
Writer(s): Venugopal Shah
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link