Shoorveer III (feat. Shambo, Rajneesh Jaipuri, Jagirdar RV & Meetu Solanki)

जय शिवराय, जय संभुराजे
जय शिवराय, जय संभुराजे
जय शिवराय, जय संभुराजे
जय शिवराय, जय संभुराजे

हुँकार भरे बादल गरजे-गरजे
तलवार उठे बिजली कड़के-कड़के
पग धर दे जहाँ धरती धृजे-धृजे
बन काल मराठा बढ़ जीते

एक-एक कर के सब गढ़ जीते
हर दुश्मन से लड़, रण जीते
हिंदरे माथे सूरज सा
छत्रपति वीर शिवा चमके

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो, शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो, शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

मूठभर घेतलंय मावळे सोबती
नाही पहिल्या जाति-पाति, लढले माती साठी
फाडला कोतळा, नाही चालू दिल्या कुटी-नीति
मुघलांच्या उरावर फडकवला भगवा हाती

मुघलाचा बाप तो राजा माझा, राजा माझा
सुर्याहून तेज तो राजा माझा, राजा माझा
हर-हर करी गाजा-वाजा, गाजा-वाजा
हर-हर करी उभा केला स्वराज्य माझा

विजय तिलक कढ़े भाल रहे
म्हारी ममता थारी ढाल रहे
"लाज बचाना माटी री"
कहे जीजा बाई शिवजी से

जब तक तू तेरी साँस रहे
पर थारे से रण में काल रहे
लड़ना जब तक प्राण रहे
कायम वतन स्वाभिमान रहे

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो, शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो, शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

जय शिवराय, जय संभुराजे
जय शिवराय, जय संभुराजे
जय शिवराय, जय संभुराजे
जय शिवराय, जय संभुराजे

धड दिलं शौर्याच्या, लिहिली गाथा इतिहासाची
बळ दिले मुठी-मुठी, सहनाई चौघडा
धड दिलं शौर्याच्या, लिहिली गाथा इतिहासाची
बळ दिले मुठी-मुठी, सहनाई चौघडा

वाजे-गाजे सह्याद्रीच्या कड कोटी नाद घुमे तिन्ही लोकी
जय भवानी, जय शिवाजी, जय भवानी

हाँ, चाहा वो हिंद एक डोर से बंधा
उसने चाहा वो हिंद केसरिया रंगा
हाँ, चाहा वो हिंद चारों और जुड़ा
उसने चाहा वो हिंद पर्वत सा खड़ा

जीवन अर्पण इस पूज्य धरा को
उतरा रण पर जब खूब लड़ा वो
जादू जन-जन पर, खून बहा दो
लहरे परचम, प्राण गवाँ दो

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो, शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो, शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

थे तेज़ तिलक तलवार शिवजी
हो शंभू रूप अवतार शिवाजी
हुई धरा धन्य जण लाल शिवाजी
राखी केसरिया की लाज शिवाजी

लगते गए लाशों के ढेर, बस बहा लहूँ कभी रुका नहीं
लड़ता रहा वो शेर मराठा, वो छत्रपति कभी झुका नहीं



Credits
Writer(s): Hanuman Sharma, Raghuveer Singh, Ashok Manda
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