Humnashi

गुमसुम-गुमसुम रहती हूँ, अपनी धुन में बहती हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना
जैसे पहली बारिश हूँ, लगता है इक ख़्वाहिश हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना (रोज़ाना)

ऐ हमनशीं, तुम संग हो तो आसमाँ है ये ज़मीं
ऐ हमनशीं, तुम जो नहीं तो ये जहाँ कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

ताना-बाना बुनता हूँ, इक अफ़साना बुनता हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना
तारे-वारे गिनता हूँ, ख़ुद से बातें करता हूँ
तुमसे मिलकर रोज़ाना (रोज़ाना)

ऐ हमनशीं, तुम संग हो तो आसमाँ है ये ज़मीं
ऐ हमनशीं, तुम जो नहीं तो ये जहाँ कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं (कुछ नहीं)

(That's all the world)

(I don't know about)

हाँ, गुज़रे ना पल कोई जिस में शामिल तुम ना रहो
चाहूँ ना दिन कोई, जिसका हासिल तुम ना रहो
लेकिन जैसे शाम का सूरज रोज़ ही ढलता है
मैंने सुना है प्यार का मौसम रोज़ बदलता है

ऐ हमनशीं, तुम संग हो तो आसमाँ है ये ज़मीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

(That's all the world)

प्यार का मौसम चाहे बदले, मैं ना कभी बदलूँगा
कोई पल हो, कोई लम्हा, हाथ नहीं छोड़ूँगा, यारा
दिल से तुम्हें चाहा था, जानाँ, दिल से तुम्हें चाहूँगा
चाहे कहीं भी जाऊँ, लेकिन लौट के मैं आऊँगा

ऐ हमनशीं, तुम संग हो तो आसमाँ है ये ज़मीं (ये ज़मीं)
ऐ हमनशीं, तुम जो नहीं तो ये जहाँ कुछ नहीं
ऐ हमनशीं, तुम संग हो तो आसमाँ है ये ज़मीं (ये ज़मीं)
ऐ हमनशीं, तुम जो नहीं तो ये जहाँ कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं

बिन तुम्हारे कुछ नहीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं



Credits
Writer(s): Sugat Dhanvijay, Tripurari Sharma
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