Hosh (feat. Aastha Gill)

इस नक़ली सी दुनिया में
ज़रा सा भी अब मेरा मन ना लगे, मन ना लगे
प्यार इतना कर
यार मेरे, मुझे कम ना लगे, कम ना लगे

ग़म इतना पी चुकी
मुझे अब कोई ग़म ना लगे, गम ना लगे
मुझमें आ के मिल जा तू ऐसे
हम हम ना लगें, हम ना लगें

हूँ भीड़ में भी तन्हा सी मैं
हूँ मैं अकेली सी
आ के मुझे तू सुलझा दे
मैं एक पहेली सी

कोई जादू सा मुझ पे चला दे
मुझे तारों की सैर करा दे
रह के होश में क्या ही करूँगी?
आजा, मेरे होश उड़ा दे

कोई जाम तू ऐसा पिला दे
मेरे खून में कुछ तू मिला दे
रह के होश में क्या ही करूँगी?
आजा, मेरे होश उड़ा दे

मेरे कान में आ के कहती मुझे
"एक तलब सी उठती रहती मुझे
मैं बेसब्री सी हो गई हूँ
मैं बेक़दरी सी हो गई हूँ"

मेरी आँखों में तू काजल भर दे
बरसूँगी मैं, बादल कर दे
सुनने में आया तू पागल है
मुझको भी तू पागल कर दे

मेरी आँखों से आँसू गिरा दे
मुझे पूरी की पूरी हिला दे
रह के होश में क्या ही करूँगी?
आजा, मेरे होश उड़ा दे

कोई जाम तू ऐसा पिला दे
मेरे खून में कुछ तू मिला दे
रह के होश में क्या ही करूँगी?
आजा, मेरे होश उड़ा दे

इस मर्ज़ की दवाई चाहिए
तू रगों में समाई चाहिए
जहाँ जो लिखूँ, बस तेरा नाम लिखूँ
ऐसी लिखने वाली स्याही चाहिए

ख़ुदा है तो ख़ुदाई चाहिए
या इस जिस्म से रिहाई चाहिए
तू है तो मैं हूँ, यक़ीनन
नहीं तो मुझे इस वजूद की तबाही चाहिए



Credits
Writer(s): Aditya Prateek Singh Sisodia
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