O Saathi Re

ओ, साथी रे, दिन डूबे ना
ओ, साथी रे, दिन डूबे ना
आ चल दिन को रोकें
धूप के पीछे दौड़ें, छाँव छुए ना
ओ, साथी रे

ओ, साथी रे, दिन डूबे ना
आ चल दिन को रोकें
धूप के पीछे दौड़ें, छाँव छुए ना
ओ, साथी रे
ओ, साथी रे, दिन डूबे ना

थका-थका सूरज जब नदी से होकर निकलेगा
हरी-हरी काई पे पाँव पड़ा तो फिसलेगा
तुम रोक के रखना, मैं जाल गिराऊँ
तुम पीठ पे लेना, मैं हाथ लगाऊँ

दिन डूबे ना, हाँ, तेरी-मेरी अट्टी-बट्टी
दाँत से काटी कट्टी
रे जईयो ना, ओ, पीहू रे
ओ, पिहू रे, ना जईयो ना

ओ, कभी-कभी यूँ करना
मैं डॉंटू और तुम डरना
उबल पड़े आँखों से
मीठे पानी का झरना

Hmm, तेरे दोहरे बदन में सिल जाऊँगी रे
जब करवट लेगा छिल जाऊँगी रे
हो, संग ले जाऊँगा

तेरी-मेरी अंगनी-मंगनी
अंग-संग लागि संगनी
संग ले जाऊँ, ओ, पिहू रे

ओ, साथी रे, दिन डूबे ना
आ चल दिन को रोकें
धूप के पीछे दौड़ें, छाँव छुए ना
ओ, साथी रे



Credits
Writer(s): Gulzar, Vishal Bharadwaaj
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