Hey Avinashi

अविनाशी हे भूतेश्वर
भोले नाथ भंडारी।
हे अविनाशी हे भूतेश्वर
भोले नाथ भंडारी।
तेरी महिमा तू ही जाने|
तेरी महिमा हम क्या जाने।
शिवशंकर,त्रिपुरारी।
महादेव शिव,केदारी।

रोम रोम में बसा तू मेरे ।
चरन रज मुझको बनाले ।
द्वार तिहारे आया मैं दाता।
चरणों में मुझको बसा ले।
क्यों भटकूँ मैं जन्म जन्म अब
जनम बनादो मेरा सफल अब
शरण गहूँ केदारी ।
तेरे दर पे जाऊ मैं वारी।

मैं मूरख अब कुछ नही जानू।
जानु तो बस शिव को ही जानूँ
शिव को जाना अब क्या जानू
जीवन अपना धन्य मैं मानु
विपदा सबकी हरने वाले।2
जगत के पालनहारी।2



Credits
Writer(s): Neeraj Patel
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