Roya Re

(तन्हा दिल)

तन्हाई, संग-दिल तन्हाई
संग लाई, याद तेरी संग लाई

बार-बार वो बहार फिर से याद आई
सूनी-सूनी राह दिल की जिसने थी सजाई

तन्हा दिल रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे

हर तरफ़ बिखरे हैं तेरी याद के ही निशाँ
मेरी हर एक चीज़ में हैं तेरी ही परछाइयाँ
तू ही होता है, तू ही रहता है मुझमें हर-दम सदा
पास भी तू है, दूर भी तू ही, है ये कैसी ख़ला?

याद बन के अश्क तेरी आँखों में समाई
याद बन के इक हसीं होंठों पे भी आई

तन्हा दिल रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे

चाँद-सूरज भी वहीं हैं, है वहीं आसमाँ
ज़िंदगी भी चल रही है, चल रहा है जहाँ
मैं ही ठहरा हूँ, ख़ुद में सिमटा हूँ, दिल है ग़म से भरा
बिन तेरे कैसे जियूँ मैं? कुछ तो दे मशवरा

ज़िंदगानी ऐसी रह-गुज़र पे मुझको लाई
साए से भी अब तेरे हो गई जुदाई

तन्हा दिल रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे
रोया रे, दिल रोया रे (दिल रोया, दिल रोया, दिल रोया रे)
रोया रे, दिल रोया रे (दिल रोया, दिल रोया, दिल रोया रे)



Credits
Writer(s): Sayeed Quadri, Shiraz Uppal
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