Mere Pyare Krishna Murari

भक्तों के तुम पालन हारे मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी
कब से खड़े है दर पे तुम्हारे मोहन प्यारे
दर्शन को तेरे हम प्यासे कान्हा श्याम

शाम सवेरे देखूँ तेरा रूप सुनहरा शामल चेहरा
तेरी शीतल छाया पड़ी तो
मेरा मन तुझमे ठहरा
तेरा करम है मुझ पर हे घनश्याम
दर्शन को तेरे हम प्यासे कान्हा श्याम

जो व्यापक है कण कण में
जल धर नव और अचल गगन में
जो व्यापक है कण कण में
जल धर नव और अचल गगन में
तेरा परिचय पाकर प्रभु जी
हम सब लीन हुए तुझमें
तुम ही बनाते मेरे सारे बिगड़े काम
दर्शन को तेरे हम प्यासे कान्हा श्याम



Credits
Writer(s): Raj Mahajan
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