Fikar

ज़िंदगी में तू मेरी आए
सोचूँ मैं हर पल यही
यूँ ही मैं रहूँ हर-दम उलझा
जब तक तू ना सुलझाती

बहारों में तेरी ख़ुशबू है छुपी
यादों में तेरी हो गई शाम, सूफ़ी

ना जाने तू है कहाँ
सूना मेरा ये जहाँ
मुझको तेरी है फ़िकर
ढूँढे है तुझको ये नज़र

ना जाने तू है कहाँ
सूना मेरा ये जहाँ
मुझको तेरी है फ़िकर
ढूँढे है तुझको ये नज़र

तू आके ज़रा देख ले है हाल क्या
घूमता फिरूँ मैं भीड़ में
फ़िर भी ऐसा लगे, अकेला मैं हूँ यहाँ
मेरी इन साँसों पे तेरा, तेरा ही हक़ है
तू जो चाहे करूँ
क़दमों में तेरे मैं सारा जहाँ लाके रख दूँ

ना जाने तू है कहाँ
सूना मेरा ये जहाँ
मुझको तेरी है फ़िकर
ढूँढे है तुझको ये नज़र

ना जाने तू है कहाँ
सूना मेरा ये जहाँ
मुझको तेरी है फ़िकर
ढूँढे है तुझको ये नज़र

ना जाने तू है कहाँ
सूना मेरा ये जहाँ
मुझको तेरी है फ़िकर
ढूँढे है तुझको ये नज़र

ना जाने तू है कहाँ
सूना मेरा ये जहाँ
मुझको तेरी है फ़िकर
ढूँढे है तुझको ये नज़र



Credits
Writer(s): Prakash Devasi
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