Ghani Trip

यो बिना beat के झूमे
चक्कर गीनी सा घूमे
माथापच्ची फ़ोकट की
फिर आया कलेजा मुँह में

कदी इंगे बैठ, कदी ऊँगे बैठ
करे कतई बावलापन, चौधरी

चौधरी

चौधरी

बन के चीता गुर्रावे
फिर खुद ही काँप, थर्रावे
बाँधे सुर भोपाली का
फिर जय जयवंती गावे

के करे के पता खुद के रेप्टा
धरे कान पे सन्न, चौधरी

घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में
घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में, चौधरी
घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में
घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में

ना नापे, ना तोले, बिना काटे घोले
निगल के अकल बंद, अकलमंद होले
चौधरी यो, चौधरी यो
उठे, जागे, सो ले, बके हौले-हौले
पड़े सर मुंडाते ई छतरी पे ओले

कदी दाएँ गिरे, कदी बाएँ गिरे
कदी दाएँ गिरे, कदी बाएँ गिरे
ना टिके सीधी गर्दन, चौधरी
चौधरी, चौधरी

घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में
घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में, चौधरी
घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में
घणी trip में, घणी trip में, घणी trip में

ज़ख़म-ज़ख़म, भरेंगे ज़ख़म-ज़ख़म
(ज़ख़म-ज़ख़म, भरेंगे ज़ख़म-ज़ख़म)
क़सम-क़सम, खाई है क़सम-क़सम
(क़सम-क़सम, खाई है क़सम-क़सम)

धम-धम-धम-धम, तू भरले दम-दम-दम-दम
अब सहेंगे ना, ना सहेंगे सितम

ज़ख़म-ज़ख़म, भरेंगे ज़ख़म-ज़ख़म
क़सम-क़सम, खाई है क़सम-क़सम
धम-धम-धम-धम, तू भरले दम-दम-दम-दम
अब सहेंगे ना, ना सहेंगे सितम



Credits
Writer(s): Sachin, Ashish Pandit, Jigar
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