Shish Nawata Hoon

जहाँ पवन बहे संकल्प लिए
जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं
जहाँ ऊँचे-नीचे सब रस्ते
बस भक्ति के सुर में गाते हैं

जहाँ पवन बहे संकल्प लिए
जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं

जहाँ पवन बहे संकल्प लिए
जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं
जहाँ ऊँचे-नीचे सब रस्ते
भक्ति के सुर में गाते हैं

उस देवभूमि के ध्यान से
मैं धन्य-धन्य हो जाता हूँ
उस देवभूमि के ध्यान से
मैं धन्य-धन्य हो जाता हूँ
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ

मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
(हो जाता हूँ, हो जाता हूँ)

मंडवे की रोटी और हुड़के की थाप
हर एक मन करता शिव जी का जाप
ऋषि-मुनियों की है ये तपोभूमि
कितने वीरों की ये जन्मभूमि

तुम आँचल हो भारत का
जीवन की धूप में छाँव तुम

तुम आँचल हो भारत का
जीवन की धूप में छाँव हो तुम
बस छूने से तर जाए
सबसे पवित्र वो पाँव हो तुम

बस लिए समर्पण तन-मन से
मैं देवभूमि में आता हूँ
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ

मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ

मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य-धन्य हो जाता हूँ, हो जाता हूँ

है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
मैं तुमको शीश नवाता हूँ



Credits
Writer(s): Jubin Nautiyal, Payal Dev
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