Dard

मैं कहना तो चाहता हूँ, पास तो आ
ज़रा देख ले, मुझे एहसास दिला
एक बार तो पास तू आ के बैठ जा

मैं कहना तो चाहता हूँ, पास तो आ
ज़रा देख ले, मुझे एहसास दिला
एक बार तो पास तू आ के बैठ जा

कितना दूर रहोगे मुझ से? कितना ज़ुल्म करोगे मुझ पे?
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता
अरे, बात तो कर लो मुझ से, मैं तो कहता ही रह गया तुम से
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता

ज़रा झाँक के देखो दिल में, ख़ुद को देखोगे तुम इसमें
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता

मैं तो कहना ही चाहता हूँ, पास तो आ
ज़रा देख ले, मुझे एहसास दिला
एक बार तो पास तू आ के बैठ जा

मैं कहना तो चाहता हूँ, पास तो आ
ज़रा देख ले, मुझे एहसास दिला
एक बार तो पास तू आ के बैठ जा

कभी प्यार ही था नहीं तो झूठ क्यूँ बोला?
लगता नहीं था तो cute क्यूँ बोला?
मेरे हाथों पे ख़ून के दाग़ हैं

जब सबर नहीं था तो "हाँ" क्यूँ बोला?
मेरे कपड़ों को फिर क्यूँ खोला?
मेरे अपने ही कर गए राख है

अब तो आजा मुझ से मिलने, मेरी बाँहों में तू घुलने
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता
आज भी याद ही कर के जीते, आज भी तेरे कारण पीते
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता
कितना दर्द होता है दिल में, तुम्हें क्या पता
कितना दर्द होता है दिल में...

(पास तो आ ज़रा)
(पास तो आ ज़रा)
(पास तो आ ज़रा)
(पास तो आ ज़रा)



Credits
Writer(s): Aditya Bhardwaj
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