Inhi ki kripa ke Saje hum hain Shabad Guru Gobind Singh ji

इन्हीं की कृपा के सजे हम हैं,
नहीं मौ सै गरीब करोर परे,
इन्हीं की कृपा के सजे हम हैं,
सजे हम हैं,
नहीं मौ सै गरीब करोर परे।

जुद्ध जित्ते इन्हीं के प्रसाद,
इन्हीं के प्रसाद सु दान करै,
इन्हीं की कृपा के सजे हम हैं,
सजे हम हैं,
नहीं मौ सै गरीब करोर परे।

अघ औघ टरै, इन्हीं के प्रसाद,
इन्हीं की कृपा, फुन धाम भरे,
इन्हीं की कृपा के सजे हम हैं,
सजे हम हैं,
नहीं मौ सै गरीब करोर परे।

इन्हीं के प्रसाद सु बिद्या लई,
इन्हीं की कृपा सभ सत्र मरे,
इन्हीं की कृपा के सजे हम हैं,
सजे हम हैं,
नहीं मौ सै गरीब करोर परे।



Credits
Writer(s): Chaitanya Deepak
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