Janani

जननी
प्रिय भारत जननी
जननी

माँ, तेरे पैर की धूल मेरे माथे का तिलक बनी
माँ, तू ही मेरा सूरज, तू ही मेरा ये फ़लक बनी

जननी

माँ, आसमान नीला भी अब ये लाल रंग होगा
दुश्मन के अंत के काल का बजता मृदंग होगा
माँ, ये मृदंग है जल तरंग, लोरी मेरी है बनी

जननी



Credits
Writer(s): M. M. Keeravani
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