Sulthan

रण-रण-रण-रण रणधीरा
रण काल खड़ा रणधीरा
रण-रण-रण-रण रणधीरा
चौरंग जीत लिया वीरा

रण-रण-रण-रण रणधीरा
रखचारियों को रख चीरा
रण-रण-रण-रण रणधीरा
मिट्टी ने उगला एक हीरा

पत्थर के घर्षण से आग उगले, अँगार बरसना
रण भेरी नाद, बिजली के भांति गूँजे, है गरजना

क्रोध जो निकले है धक-धक से, इसके कदम से ख़तम हुआ
निर्भय होकर भय को बाँधा, मालिक ही भगवान हुआ

देखो, देखो, देखो, अँगार है सुलतान
देखो, देखो, देखो, ललकार है सुलतान
देखो, देखो, देखो, अँगार है सुलतान
देखो, देखो, देखो, ललकार है सुलतान

काली कालिके काली राक्षस को खिंच-खिंच धर लाए
यम किंकर कुल दुष्टन को चुनके-चुनके लटकाए
काट धाड़ नरसिंह भीतर से चंड-मुंड कुण्डलिका निर्माण
पिंड चंड उच्चण्ड भर-भर के दंड असुर भोगे है परिणाम

फाड़ के भीड़ गरज दिया, उतरा ये अटूट कसौटी
ललकार के युद्ध जीत लिया, लो पूरा किया है चुनौती

क्रोध जो निकले है धक-धक से, इसके कदम से ख़तम हुआ
निर्भय होकर भय को बाँधा, मालिक ही भगवान हुआ

(जय, जय, जय)
(जय, जय, जय)

रण-रण-रण-रण रणधीरा
रण काल खड़ा रणधीरा
रण-रण-रण-रण रणधीरा
चौरंग जीत लिया वीरा

रण-रण-रण-रण रणधीरा
रखचारियों को रख चीरा
रण-रण-रण-रण रणधीरा
मिट्टी ने उगला एक हीरा

पत्थर के घर्षण से आग उगले, अँगार बरसना
रण भेरी नाद, बिजली के भांति गूँजे, है गरजना

क्रोध जो निकले है धक-धक से, इसके कदम से ख़तम हुआ
निर्भय होकर भय को बाँधा, मालिक ही भगवान हुआ

देखो, देखो, देखो, अँगार है सुलतान
देखो, देखो, देखो, ललकार है सुलतान
देखो, देखो, देखो, अँगार है सुलतान
देखो, देखो, देखो, ललकार है सुलतान



Credits
Writer(s): Ravi Basrur, Shabbir Ahmed
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