Are Dwarpalo

हाँ, ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे है जामा
ना सर पे है पगड़ी, ना तन पे है जामा
बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा
बता दो कन्हैया को, नाम है सुदामा

एक बार मोहन से जाकर के कह दो
एक बार मोहन से जाकर के कह दो
कि मिलने सखा बदनसीब आ गया है
कि मिलने सखा बदनसीब आ गया है

हाँ, अरे, द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
अरे, द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है

हाँ, भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
कि मिलने सखा बदनसीब आ गया है
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-राधे

हाँ, सुनते ही दौड़े चले आए मोहन
सुनते ही दौड़े चले आए मोहन
लगाया गले से सुदामा को मोहन
हाँ, लगाया गले से सुदामा को मोहन

हुआ रुक्मिणी को बहुत ही अचंभा
हुआ रुक्मिणी को बहुत ही अचंभा
ये मेहमान कैसा अजीब आ गया है?
ये मेहमान कैसा अजीब आ गया है?

हाँ, अरे, द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
अरे, द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है
कि मिलने सखा बदनसीब आ गया है

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-राधे

हाँ, बराबर पे अपने सुदामा बिठाए
बराबर पे अपने सुदामा बिठाए
चरण आँसुओं से श्याम ने धुलाए
हाँ, चरण आँसुओं से श्याम ने धुलाए

हाँ, ना घबराओ प्यारे ज़रा तुम, सुदामा
ना घबराओ प्यारे ज़रा तुम, सुदामा
खुशी का समाँ तेरे क़रीब आ गया है
खुशी का समाँ तेरे क़रीब आ गया है

हाँ, अरे, द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
अरे, द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है

हाँ, भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
भटकते-भटकते ना जाने कहाँ से
कि मिलने सखा बदनसीब आ गया है
कि दर पे सुदामा ग़रीब आ गया है

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-राधे

राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण
राधे-कृष्ण, राधे-राधे



Credits
Writer(s): Dipak Upadhayay, Traditional
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