Kaaba Kashi

मैंने तो काबा-काशी, मक्का-मदीना
ढूँढे तीरथ सारे, नाम पुकारे
हो, मैंने तो काबा-काशी, मक्का-मदीना
ढूँढे तीरथ सारे, नाम पुकारे

ढूँढा नहीं क्यूँ अपने ही मन में?
ढूँढा नहीं क्यूँ अपने ही मन में?
तुझको साँझ-सकारे, ओ, मितवा रे

मैंने तो काबा-काशी, मक्का-मदीना
ढूँढे तीरथ सारे, नाम पुकारे
नाम पुकारे, नाम पुकारे

मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर में
जल में, थल में, और अंबर में

हो, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर में
जल में, थल में, और अंबर में
जादूगर के, जादूगरी के
खेल-खिलौने हैं घर-घर में

ढूँढ के हारा हर आँगन में
ढूँढा नहीं क्यूँ अपने ही मन में?
तुझको साँझ-सकारे, ओ, मितवा रे

मैंने तो काबा-काशी, मक्का-मदीना
ढूँढे तीरथ सारे, नाम पुकारे
नाम पुकारे, नाम पुकारे



Credits
Writer(s): Manas Mukherjee
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