Khud Se Hi Rutha (feat. RE-PHLEXION)

खामोशियां साथ बैठी है
हाथ पकड़े हुऐ क्यूं मेरा।
लिपटा है क्यूं इन दर्द से
दिल ये मेरा ए खुदा।

अकेला हूं मैं यहां
आंख भर के चल रहा हूं...

खुदसे ही खुदको मैं
कोष रहा हूं यहां...
खुदसे ही खुद से मैं
रूठ गया हूं यहां...

इन आईनो में चेहरा मेरा
अजनबी हो...
इन हाथो की लकीरों पे
नामो निशान मेरा है नहीं.

अकेला हूं मैं यहां
आंख भर के चल रहा हूं...

खुदसे ही खुदको मैं
कोष रहा हूं यहां...
खुदसे ही खुद से मैं
रूठ गया हूं यहां...

ए खुदा एक बात बता
क्यूं अकेला यहां, हां.
क्या गलती है मेरी
क्यूं मुझको कुछ ना पता
खुदको मैं कोषता हूं
हौसला मैं खो चूका हूं।

अपनो से दूर हो रहा हूं मैं।
हालातों से मजबूर हो गया हूं मैं।

अकेला हूं मैं यहां
आंख भर के चल रहा हूं...

खुदसे ही खुदको मैं
कोष रहा हूं यहां...
खुदसे ही खुद से मैं
रूठ गया हूं यहां...



Credits
Writer(s): Keyur Upadhyay
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link