Raat Rani

स्याह सी रातों से मैंने छीन ली है रोशनी
रुक गया रस्ता जहाँ पे मैं वही से हूँ चली
दिल पे ना curfew है मेरे, ख़्वाबों पे ना बंदिशें
रात की पाबंदियों को तोड़ के मैं खिल गई

मैं रात रानी, मैं रात रानी
मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी
मैं रात रानी, मैं रात रानी
मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी, ओ

झीलों से, शिकारों से, दरिया के किनारों पे
लम्हा-लम्हा खिल रही मैं रातों के साए तले
महकी हर पल, हर फ़िज़ा में जैसे महके गुल कोई
रातों को अपनाया ऐसे जैसे सुबह हो नई

मैं रात रानी, मैं रात रानी
मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी
मैं रात रानी, मैं रात रानी
मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी

मैं रात रानी, मैं रात रानी
मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी
मैं रात रानी, मैं रात रानी
मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी, ओ

मैं रात रानी की कली, मैं रात रानी, ओ
मैं रात रानी



Credits
Writer(s): Ram Sampath, Ginny Diwan
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