Hero

तू ज़िंदा है, तू ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर

तू ज़िंदा है, तू ज़िंदगी की जीत में यक़ीन कर
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर
ग़मों के और चार दिन, सितम के और चार दिन
गुज़र भी जाएँगे ये दिन, गुज़र गए हज़ार दिन

(Hero, hero) बनेगा कल, तेरा है कल
(Hero) बनेगा कल, बनेगा कल
(Hero) है तेरा कल, है तेरा कल

हमारे कारवाँ को मंज़िलों का इंतज़ार हैं
ये आँधियों, ये बिजलियों की पीठ पर सवार हैं

हाँ, हमारे कारवाँ को मंज़िलों का इंतज़ार हैं
ये आँधियों, ये बिजलियों की पीठ पर सवार हैं
तू आ, क़दम मिला के चल, चलेंगे एक साथ हम
अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर

(Hero, hero) बनेगा कल, तेरा है कल
(Hero) बनेगा कल, बनेगा कल
(Hero) है तेरा कल, है तेरा कल

(Hero)
(Hero)
(Hero)



Credits
Writer(s): Palash Muchhal
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link