Parda Daari

तू है मेरा, मैं तेरी, फिर काहे की पर्दा-दारी है?
रंग तेरा...
हो, रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है
रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है

बेवजह ही तो नहीं है मेरा तुम पे मरना
मैं दीवाना हो गया हूँ, कह रही है दुनिया
तेरा-मेरा वास्ता है सदियों का
मेरे लिए तू हवा का मीठा झोंका

तेरे बिना सुबह होती है कहीं
और दिन कहीं है ढलता

हो, तू है मेरी, मैं तेरा, फिर काहे की पर्दा-दारी है?
रंग तेरा...
हो, रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है
रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है

तू ही तू इरादों में, मंसूबों में मेरे शामिल
पूरी क़ायनात में एक तू ही है मेरे क़ाबिल
हो, तुझको पलकों पे बिठाऊँ कि तुझे यादों में सजाऊँ
ख़यालातों में, जज़्बातों में तेरा अक्स मैं छुपाऊँ

तेरे बिना सुबह होती है कहीं
और दिन कहीं है ढलता

हो, तू है मेरी, मैं तेरा, फिर काहे की पर्दा-दारी है?
रंग तेरा...
हो, रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है
रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है

जन्मों की डोरी से बाँधा है प्यार का ये बंधन
तेरी ही धुन गाता रहता बंजारा मेरा मन
हो, तुझको साँसें नज़राना दूँ कि मैं तुझपे जान वारूँ
तेरे दिल को जीत लूँ मैं, तुझपे सारी दुनिया हारूँ

तेरे बिना सुबह होती है कहीं
और दिन कहीं है ढलता

हो, तू है मेरी, मैं तेरा, फिर काहे की पर्दा-दारी है?
रंग तेरा...
हो, रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है
रंग तेरा ऐसा चढ़ा कि मेरे ये रंग पे भारी है



Credits
Writer(s): Sameer Anjaan, Prini Madhav
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link