Krishna Bhajan 2 - Mashup

अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभम
अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभम

कौन कहते हैं, "भगवान आते नहीं"?
कौन कहते हैं, "भगवान आते नहीं"?
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं

म्हारो साँवरियो सरकार
म्हारो साँवरियो सरकार
म्हाने और जगत से क्या लेना, क्या लेना

थारी आस लगाऊँ
हर-पल तुम्हें बुलाऊँ
ओ, थारे दर्शन पाके
अपने भाग जगाऊँ

म्हारा तू ही है भरतार
म्हारो साँवरियो सरकार
म्हाने और जगत से क्या लेना, क्या लेना

हम तुम्हारे पराए नहीं हैं
ग़ैर के दर पे आए नहीं हैं
हम तुम्हारे पराए नहीं हैं
ग़ैर के दर पे आए नहीं हैं

हम तुम्हारे पुराने पुजारी
हम तुम्हारे पुराने पुजारी
हमसे पर्दा करो ना, मुरारी

वृंदावन के, ओ, बाँके बिहारी
हमसे पर्दा करो ना, मुरारी
वृंदावन केम, ओ, बाँके बिहारी
हमसे पर्दा करो ना, मुरारी

जरी की पगड़ी बाँधे सुन्दर आँखों वाला
कितना सुन्दर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा
जरी की पगड़ी बाँधे सुन्दर आँखों वाला
कितना सुन्दर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा

कानों में कुण्डल साजै
सिर मोर-मुकुट बिराजे
सखियाँ पागल होतीं
जब-जब होंठ पे बंसी बाजे

है चंदा ये साँवरा, तारें हैं ग्वाल बाला
है चंदा ये साँवरा, तारें हैं ग्वाल बाला
कितना सुन्दर लागे बिहारी, कितना लागे प्यारा

बाँके बिहारी, कजरा रे मोटे-मोटे तेरे नैन
हाय, नजर ना लग जाए (होय-होय, होय-होय)
नजर ना लग जाए (होय-होय, होय-होय)
नजर ना लग जाए

बाँके बिहारी, कजरा रे मोटे-मोटे तेरे नैन
ओ, आँखों का काजल, मेरा जिगर है घायल
तेरे प्यार में पागल कर डाली रे

कजरा रे मोटे-मोटे तेरे नैन
हाय, नजर ना लग जाए (होय-होय, होय-होय)
नजर ना लग जाए (होय-होय, होय-होय)
नजर ना लग जाए

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा

हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण वासुदेवा
हे नाथ नारायण वासुदेवा

श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा

दीन-बंधु, दीनानाथ, बृजनाथ, रमानाथ
श्री राधानाथ मोहनाथ की सहाय कीजिए
तात, मात, भ्रात, कुल देव, गुरुदेव, स्वामी
मेरो नातो तुम ही से, मेरी विनय सुन लीजिए

आ, रीझिए निहाल, देर कीजिए, रंगीली प्रभु
दीन जान दास, मोहे अपनाए लीजिए
कीजिए कृपा, कृपाल, साँवरे, बिहारी लाल
मेरे दुख जान, वास वृंदावन दीजिए
मेरे दुख जान, वास वृंदावन दीजिए

देवकी नंदन, तुमको वंदन, रखते सबकी लाज (श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी)
सबके स्वामी, अंतर्यामी, पूरन कीजे काज (हे नाथ नारायण वासुदेवा)
देवकी नंदन, तुमको वंदन, रखते सबकी लाज (श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी)
सबके स्वामी, अंतर्यामी, पूरन कीजे काज (हे नाथ नारायण वासुदेवा)



Credits
Writer(s): Traditional, Pandit Jasraj
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