Jaane Na Dunga Kahin

धीरे-धीरे बढ़ने लगी जाने कैसी ये दोस्ती
थोड़ा-थोड़ा मैं तुझ सा, तू मुझ सी है होने लगी

धीरे-धीरे बढ़ने लगी जाने कैसी ये दोस्ती
थोड़ा-थोड़ा मैं तुझ सा, तू मुझ सी है होने लगी

मिला हूँ जब से, तेरा हूँ तब से
पास तेरे, हूँ दूर सब से
हुआ है जैसा, हुआ नहीं कभी
जाने ना दूँगा कहीं

जाने ना दूँगा कहीं

जान लो जो तुम हाल मेरा फ़िलहाल मेरा
मान लो जो तुम, दे दूँ जहाँ
दिल के मौसम में कुछ तो बदला
ज़रूर बदला ले रही हो तुम किसी बात का

कि बिन तेरे अब
ना गवारा है गुज़ारा पल को भी
हुआ है जैसा, हुआ नहीं कभी
जाने ना दूँगा कहीं

कि अब से तुम बस एक हो मेरे
रात मैं हूँ, तुम सवेरे
तुम जो आए, गए अँधेरे, कहना है बस यही

जाने ना दूँगा कहीं

जाने ना दूँगा कहीं, yeah
जाने ना दूँगा कहीं
जाने ना दूँगा कहीं
जाने ना दूँगा कहीं



Credits
Writer(s): Yash Surendra Narvekar
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