Mann Bawara

सारा जहां जब सो गया
फिर भी हम थे जागे ।
होठों पे थी खामोशियाँ
तारों से होती थी बातें ।
जानूं ना मैं क्यों आज़ कल
ये दिल कहीं ना लागे ।
ये वक़्त भी थम सा गया
मन ये फिर भी क्यों भागे?
इधर, उधर, ना जाने किधर
किस तरफ जा रहा
मन ये मेरा... बावरा
मन ये मेरा... बावरा
ना जाने कहां जा रहा?
मन ये मेरा... बावरा

ये आसमां भी था खुला
चांद उपर से झांके ।
नींदें मेरी थी मुझसे खफा
ख्वाब देखें ये आंखे ।
कैसे बयान करूं ख्वाहिशें
ये लफ्ज़ भी काम पड़ है जाते ।
समझा के मैं तो थक गया
मन ये फिर भी न माने
सुने नहीं, ये बातें मेरी
करता है मनमानियां
मन ये मेरा... बावरा
मन ये मेरा... बावरा
ना जाने कहां जा रहा?

बावरा, बावरा, बावरा है मन मेरा
जानूं ना, जानूं ना, ये कहां है जा रहा
एक पल तो रहता मेरे पास है
दूसरे ही पल में लापता
मन ये मेरा... बावरा
मन ये मेरा... बावरा



Credits
Writer(s): Ashwani Gupta
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