Tu Chalta Gaya

ख़ून भी छलका, निकलीं चीख़े भी
धरती भी काँपी, रोया आसमाँ भी
मेरे येशु की पीड़ा देख के, हे पिता
छलकी तो होंगी आँखें तेरी भी, आँखें तेरी भी

मेरे गुनाहों को ले के, प्रभु
मेरे गुनाहों को ले के, प्रभु
चलता गया, तू चलता गया
तेरे ज़ख़्मों से बहते हुए लहू से
मेरे पापों को तू धोता गया
तू चलता गया, तू चलता गया
तू चलता गया, चलता गया, तू चलता गया

साँसें थमने को थीं
जिस्म से जाँ निकलने को थी
छलनी-छलनी जिस्म, लड़खड़ाते क़दम
फिर भी मेरे गुनाह तू ढोता गया

दर्द सहने की जो हद होती है
जिस्म की ऐसी कितनी हदों से
गुज़रता गया, तू चलता गया
तू चलता गया, तू चलता गया
चलता गया, तू चलता गया

उस माँ की आँखें पथरा गईं
उसके बेटे की देख के ये दशा
दिल के टुकड़े हज़ारों हुए
और रूह तार-तार हुई

मेरा येशु बचाने मुझे
सहता गया, सब सहता गया
तू चलता गया, तू चलता गया
चलता गया, चलता गया, तू चलता गया

लहू-लुहान तू सलीब पे चढ़ाया गया था
आँखों में फिर भी सबके लिए तेरे प्यार समाया हुआ था
"माफ़ करना इन्हें, हे मेरे पिता"
अंतिम क्षणों में भी पिता से तूने कहा

प्यार करने की हद होती है क्या, येशु मेरे
जान दे कर तू अपनी सिखला गया
जान दे कर तू अपनी सिखला गया



Credits
Writer(s): Prakash Prabhakar
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