Masti Mein

मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में
हर पल ध्यान में मगन में रहते ऐसे मेरे भोले
मस्ती में
मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में

तीन लोक के राज है भोले, शिव शंकर भंडारी
मस्तक चंदा जाटा में गंगा छवि है इनकी न्यारी
तीन लोक के राज है भोले, शिव शंकर भंडारी
मस्तक चंदा जाटा में गंगा छवि है इनकी न्यारी
भांग धतूरा बेल चढ़ाओ खुश होते ये पल में
मस्ती में
मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में

क्रोध मैं जब आ जाते भोले त्रिनेत्र ये खोले
चारों दिशाओं हाहाकार है मचता धरती अम्बर डोले
क्रोध मैं जब आ जाते भोले त्रिनेत्र ये खोले
चारों दिशाओं हाहाकार है मचता धरती अम्बर डोले
दुनिया को बचाया शिव ने विष पी के पलभर में
मस्ती में
मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में

अघोरियों के नाथ हैं भोले महाकाल त्रिपुरारी
भस्म आरती होती इनकी कहते हैं वरदानी
अघोरियों के नाथ हैं भोले महाकाल त्रिपुरारी
भस्म आरती होती इनकी कहते हैं वरदानी
कहते है वरदानी कहते हैं वरदानी
कहता विक्रम जहाँ भी जाओ रहते ये कण कण में
मस्ती में
मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में
हर पल ध्यान में मगन में रहते ऐसे मेरे भोले
मस्ती में
मस्ती में रहते मेरे भोले मस्ती में



Credits
Writer(s): Vikram Bharadwaj
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