Om Trayambakam Yajamahe Mahamrityunjaya Mantra

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
(ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्)
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
(उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्)



Credits
Writer(s): Traditional (pd), Ram Shankar
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