Intezaar

सोचती हूँ जब
न कोई लफ्ज़ करे बयां
दूर कितना दूर
हां, क्यों जाना है तुझको आज

नज़र ना आये मुझे तेरी
नज़रों की वो झलक
हर एक पल बीते यहाँ
करूँ मैं इंतज़ार

जिस्म पे मेरे तेरा ही नशा है
आदत सी मुझको तेरी
बारिश की बूंदों से भीगी हुई मैं
आँसू से आँखें भरी

बेह रही आँखें
न जाने कहाँ थी मैं खोई
तोड़ना सका
ये दिल को आज तक कोई

ये दूरियाँ क्यों दे रही है इतने दर्द
अधूरी हूँ मैं तेरे बिना
करूँ मैं इंतज़ार

अब आ रही हूँ मैं वही
लेने तुझको ही
रहे तू मेरे पास अभी
है मुझे यक़ीन
अब ना करू मैं तेरा इंतज़ार

अब ना करू मैं तेरा
इंतज़ार
इंतज़ार
इंतज़ार
इंतज़ार



Credits
Writer(s): Prateek Sarkar, Sarvesh George
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link