Baatein Ruk Gayi

कितनी बातें होती थी
वो थक कर मुझपे सोती थी
कितनी बातें होती थी
वो थक कर मुझपे सोती थी

क्या गिला हुआ तुम्हें क्यूँ जाना पड़ा बिन कहे
मैं ढूंढ रहा मेरी गलती क्या इतना तो बता देना था मुझे

हम्म हम्म

जाने क्यूँ बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

तुम्हें याद है वो दिन सारे
कितना हमने चाहा था
तुम्हें याद है वो दिन सारे
कितना हमने चाहा था
एक दूसरे को खुदा से
हर पल हर दिन माँगा था

क्यूँ मुझे वजह ना दी यूँ बेवजह कोई जाता है क्या
होके जुदा या बिछड़ने से ये प्यार ख़तम हो जाता है क्या

हम्म हम्म

जाने क्यूँ बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

बातें रुक गयी
राते रुक गयी
बिन तेरे तो लगे सांसें रुक गयी

मेरे हर सफर में अब भी तू है
मेरी नज़र में अब भी तू है
मेरे दिल के घर में अब भी तू है
मेरी पसंद अब भी तू है

मेरे हर सफर में अब भी तू है
मेरी नज़र में अब भी तू है
मेरे दिल के घर में अब भी तू है
मेरी पसंद अब भी तू है

मेरे हर सफर में अब भी तू है
मेरी नज़र में अब भी तू है
मेरे दिल के घर में अब भी तू है
मेरी पसंद अब भी तू है

मेरे हर सफर में अब भी तू है
मेरी नज़र में अब भी तू है
मेरे दिल के घर में अब भी तू है
मेरी पसंद अब भी तू है



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