Karwaan

ये दुनिया जो मेरे अंदर है, ख़ुश हूँ मैं तो यहाँ
ख़ाबों के ये सारे जो बनाए मैंने मकाँ
सुबह के नज़ारों में, बहारों में मैं खो गया
शामों के सितारों से जगमग यूँ सब हो गया

ज़रा तुम भी ठहरो, है दिल में जो, कह दो
हवाओं में है एक नशा
झीलें और वादी में फ़िकरें बहा दीं
चला है ये तब कारवाँ

चला मेरी दुनिया का छोटा सा ये कारवाँ
बुना मैंने दिल के धागों से अपना जहाँ
खड़ा था मैं तन्हाइयों को लेके कहीं
था खोया, मगर, अब मिलूँगा मैं तुमसे यहीं

चला मेरी दुनिया का छोटा सा कारवाँ

भटका था मैं दौड़ते उस ज़माने की राहों में
पहुँचा हूँ ख़ुद को यहाँ ढूँढते इन निगाहों से
खो जाएँ पहाड़ों की इन मस्तियों में
सो जाएँ बादल की रज़ाइयों को ओढ़ के ज़माने से कहीं दूर

चला मेरी दुनिया का छोटा सा ये कारवाँ
बुना मैंने दिल के धागों से अपना जहाँ
खड़ा था मैं तन्हाइयों को लेके कहीं
था खोया, मगर, अब मिलूँगा मैं तुमसे यहीं

चला मेरी दुनिया का छोटा सा कारवाँ



Credits
Writer(s): Samarth Swarup
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