Bholenath Ji (feat. Abhilipsa Panda)

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्

...मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्
...मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्

गले में जिसके नाग, सर पे गंगे का निवास
जो नाथों का है नाथ, भोलेनाथ जी
करता पापों का विनाश, कैलाश पे निवास
डमरू वाला वो सन्यास, भोलेनाथ जी

जो फिरता मारा-मारा, उसको देता वो सहारा
तीनों लोक का वो स्वामी भोलेनाथ जी
रख दे सर पे जिसके हाथ, दुनिया चलती उसके साथ
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी

मोह-माया से परे, तेरी छाया के तले
जो तपता दिन-रात, उसको रोशनी मिले

केदार विश्वनाथ, मुझको जाना अमरनाथ
जहाँ मिलता तेरा साथ, भोलेनाथ जी
रख दे सर पे जिसके हाथ, दुनिया चलती उसके साथ
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी

ये दुनिया है भिखारी, पैसे की मारी-मारी
मेरा तू ही है सहारा, मेरे भोलेनाथ जी
मेरा हाथ ले तू थाम, बाबा, ले जा अपने धाम
इस दुनिया से बचा ले मुझको, शंभुनाथ जी

ये दुनिया है भिखारी, पैसे की मारी-मारी
मेरा तू ही है सहारा, मेरे भोलेनाथ जी
मेरा हाथ ले तू थाम, बाबा, ले जा अपने धाम
इस दुनिया से बचा ले मुझको, शंभुनाथ जी

मोह-माया से परे, तेरी छाया के तले
जो तपता दिन-रात, उसको रोशनी मिले

केदार विश्वनाथ, मुझको जाना अमरनाथ
जहाँ मिलता तेरा साथ, भोलेनाथ जी
रख दे सर पे जिसके हाथ, दुनिया चलती उसके साथ
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी

तेरा रूप है प्रचंड, तू आरंभ, तू ही अंत
तू ही सृष्टि का रचियता, मेरे भोलेनाथ जी
मैं खुद हूँ खंड-खंड, फिर कैसा है घमंड
मुझे तुझमें है समाना, मेरे भोलेनाथ जी

तेरा रूप है प्रचंड, तू आरंभ, तू ही अंत
तू ही सृष्टि का रचियता, मेरे भोलेनाथ जी
मैं खुद हूँ खंड-खंड, फिर कैसा है घमंड
मुझे तुझमें है समाना, मेरे भोलेनाथ जी

मोह-माया से परे, तेरी छाया के तले
जो तपता दिन-रात, उसको रोशनी मिले

केदार विश्वनाथ, मुझको जाना अमरनाथ
जहाँ मिलता तेरा साथ, भोलेनाथ जी
रख दे सर पे जिसके हाथ, दुनिया चलती उसके साथ
ऐसा खेल है खिलाता मेरा नाथ जी



Credits
Writer(s): Hashtag Pandit
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