Humko Na Mohabbat Karne De

ज़ालिमों का अगर पत्थर का दिल ना होता
मैं तेरी होती और तू मेरा होता (होता)

दिन-रात दीवानों को
क्यूँ लोग तड़पने दें?
दुनिया, ये कैसी दुनिया है?

हमको ना मोहब्बत करने दे

हमको ना मोहब्बत करने दे

हमको ना मोहब्बत करने दे

तारों के शहर से इक चाँद है उतरा
ख़्वाबों की ज़मीं से हुआ दूर अँधेरा
तड़पाए, पछताए, हमको किया बर्बाद
तन्हाई में रह के हम हो गए आबाद

मुझे नज़रें ये सब की
नहीं बाँहों में भरने दे
दुनिया, ये कैसी दुनिया है?

हमको ना मोहब्बत करने दे

हमको ना मोहब्बत करने दे

हमको ना मोहब्बत करने दे

तुझे भूले से ना भुला सके
चाहे रूह क़ब्ज़े ख़ुदा करे
ला-ला-ला, ला-ला, ला-ला
तुझे भूले से ना भुला सके
चाहे रूह क़ब्ज़े ख़ुदा करे

तुझे छीन लेंगे ख़ुदा से हम
मेरे इश्क़ को समझो ना कम
तुझे मेरी दुआ ना मरने दे

हमको ना मोहब्बत करने दे



Credits
Writer(s): Shabbir Ahmed, Yasin Darbar
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