Darmiyaan

वक़्त कुछ है हाथों में
थोड़ा तुम ले आओ ना
जो किसी से ना कहा
बात वो कह जाओ ना

दूर कहीं उस जहाँ में
फ़ासले ये कम भी होंगे
लौट के जो तुम फ़िर आओगे
राहों में तेरी हम ना मिलेंगे

तेरे-मेरे दरमियाँ जो है बचा
क्यूँ ख़ाक में सब मिल रहा?
तू है हक़ीक़त, मैं ख़ाब सा
तेरे रास्तों पे मैं चल रहा

तेरे-मेरे दरमियाँ जो है बचा
क्यूँ ख़ाक में सब मिल रहा?
तू है हक़ीक़त, मैं ख़ाब सा
तेरे रास्तों पे मैं चल रहा

दिन के उजालों में, तेरे ख़यालों में
खो सा रहा है ये दिल
ढलती शामों में, अँधेरी रातों में
ख़ुद से मिलता है दिल

"मेरे लफ़्ज़ अधूरे रह गए"
ये बादलों से हम कह रहे
ख़ाली-ख़ाली सा है पल यहाँ
मन मेरा भरा लगे क्यूँ

दूर कहीं उस जहाँ में
फ़ासले ये कम भी होंगे
लौट के जो तुम फ़िर आओगे
राहों में तेरी हम ना मिलेंगे

तेरे-मेरे दरमियाँ जो है बचा
क्यूँ ख़ाक में सब मिल रहा?
तू है हक़ीक़त, मैं ख़ाब सा
तेरे रास्तों पे मैं चल रहा

तेरे-मेरे दरमियाँ जो है बचा
क्यूँ ख़ाक में सब मिल रहा?
तू है हक़ीक़त, मैं ख़ाब सा
तेरे रास्तों पे मैं चल रहा



Credits
Writer(s): Gaurav Agrawal
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