Janam Pe Janam

सजन रे, सजन
कभी तो होगा मिलन

पाएँगे ना तुम्हें जब तक, सनम
लेते रहेंगे जनम पे जनम
पाएँगे ना तुम्हें जब तक, सनम
लेते रहेंगे जनम पे जनम

मरते रहेंगे, मिटते रहेंगे
तेरे लिए तेरे प्यार में हम
पाएँगे ना तुम्हें जब तक, सनम
लेते रहेंगे जनम पे जनम

हम में समा जाओ तुम ऐसे
जैसे सीने में साँस बहे
पास महक फूलों के जितनी
उतना तू मेरे पास रहे

मुझ को ले जा संग उड़ा कर
जैसे मैं पाखी, तू पवन
पाएँगे ना तुम्हें जब तक, सनम
लेते रहेंगे जनम पर जनम

फिर लाएँगे मौसम सुहाने
तुम्हारे-हमारे गुज़रे ज़माने
आज नहीं तो जानोगे कल तुम
हम ही तुम्हारे प्यार पुराने

जग से छुपाएँगे प्रीत ना अब हम
चाहे हों हम १०० बार ख़तम
पाएँगे ना तुम्हें जब तक, सनम
लेते रहेंगे जनम पे जनम



Credits
Writer(s): Amit Sharma, Rahul Jain
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