Zakhm Dete Ho Kehte Ho Seete Raho

ज़ख़्म देते हो, कहते हो सीते रहो
जान लेकर कहोगे के जीते रहो
प्यार जब-जब ज़मीं पे उतारा गया
ज़िंदगी तुझको सदके में वारा गया
प्यार ज़िंदा रहा मक़्तलों में मगर

प्यार ज़िंदा रहा मक़्तलों में मगर
प्यार जिसने किया है वो मारा गया
हद यही है, तो हद से गुज़र जाएँगे
इश्क़ चाहेगा चुप चाप मर जाएँगे
ये मोहब्बत से निकली हुई फ़ाल है
इश्क़ तो लाल है, इश्क़ तो लाल है

दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू
दिल की रग रग से टपका हुआ है लहू



Credits
Writer(s): Shubham Rakesh
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