Har Har Sambhu

शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया
शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया

खुद तूने विष पिया, औरों को अमृत पिलाया
तेरे जैसा योगी ना मिला है, ना पाया
साँसें तब तक चलेंगी, जब तक रहेगा तेरा साया (भोले)

शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया
शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया

तू अघोरी, भस्म शनि तेरी काया
त्रिशूल उठाके तांडव, जब डमरू डमडमाया
तू अघोरी, भस्म शनि तेरी काया
त्रिशूल उठाके तांडव, जब डमरू डमडमाया

काँपी ये धरती, जग घबराया, अम्बर थरथराया

शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया (भोले)
शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया

औरों को दौलत बाँटे, खुद से दूर मोह-माया
औरों को दौलत बाँटे, खुद से दूर मोह-माया
साँसों में योगी, योगी में संसार समाया

शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया
शंभु, ये तेरी माया
कहीं है धूप, कहीं है छाया



Credits
Writer(s): Hansraj Raghuwanshi
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