Tum Sang

लगन मोरी

लगन, लगन मोरी
लगन मोरी तुम संग मोहन
लगन मोरी तुम संग मोहन
लगन मोरी तुम संग मोहन

पहुँचायो, संदेसवा मैं पहुँचायो
संदेसवा मैं उधो संग, अब और का करूँ, सखी, री?

लगन मोरी तुम संग मोहन
लगन मोरी तुम संग मोहन

गली-गली ढूँढें, तोहे देखन को मोरे नयना तरसें, रे
एक पल को तोसे बात करन को ये मनवा धड़के, रे
गली-गली ढूँढें, तोहे देखन को मोरे नयना तरसें, रे
एक पल को तोसे बात करन को ये मनवा धड़के, रे

तरसायो, काहे तू मोहे तड़पायो?
ऐसे ना कर मोरे संग, अब और का करूँ, सखी री?

लगन मोरी तुम संग मोहन
लगन मोरी तुम संग मोहन

पहुँचायो, संदेसवा मैं पहुँचायो
संदेसवा मैं उधो संग, अब और का करूँ, सखी, री?

लगन, लगन
लगन, लगन



Credits
Writer(s): Gautam Kale
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