Zubaan

ज़ुबाँ तेरी बातें हैं करती नहीं, करती नहीं
ये आँखें तेरी बात करती रही, बातें कई
ज़ुबाँ तेरी बातें हैं करती नहीं, करती नहीं
ये आँखें तेरी बात करती रही, बातें कई

साथ मेरे हाथ तेरे, साथ मेरे, hey-hey
पास मेरे क्या हाल तेरे? साथ मेरे, hey-hey

बिताई जो थीं मैंने रातें कई, तू साथ नहीं
ना होके भी तू मुझको लगती यहीं, तू पास नहीं
ज़ुबाँ तेरी बातें हैं करती नहीं, करती नहीं
ये आँखें तेरी बात करती रही, बातें कई

कुछ कहा नहीं, हाँ, तू मगर सब कह गई
आँखों से ही सब कह गई, मैं समझा नहीं

ग़लतियाँ मुझसे होती जाएँ
फ़ासले क्यूँ ये बढ़ते जाएँ?
आदत सी जो लगी है तेरी
ज़िंदा होकर भी रोज़ मरते जाएँ

माना, करी मैंने ग़लती कोई, हाँ, ग़लती करी
ना सोचा था, होगी ये इतनी बड़ी, तू छोड़ गई

हाँ, ये बता अकेले मैं सब कैसे ये सहूँ?
अब बेतुके ख़याल से क्यूँ बुनता ही रहूँ?

अब बाँहों में मेरे है बेशक़ कोई, हाँ, बेशक़ कोई
पर तेरी कमी क्यूँ ये खलती गई? ये समझा नहीं
ज़ुबाँ तेरी बातें हैं करती नहीं, करती नहीं
ये आँखें तेरी बात करती रही, बातें कई

तू साथ नहीं, मेरे पास नहीं
तू साथ नहीं, मेरे पास नहीं
तू साथ नहीं, मेरे पास नहीं
तू साथ नहीं



Credits
Writer(s): Aryan Katoch
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