SHIV JOGIYA JI

शिव जोगिया जी बैरागिया जी।
वीराने में जी पदमासन जी।
तेरी भक्ति में नाचे हम।
ओ भोले तेरी भक्ति में नाचे हम।

शिव जी का डमरू बोले डम डम डम।
अरे डम डम डम डम।
निर्जन वन में तपता योगी कौन रे
लगा के आसन भोले बाबा मौन रे।

तेरी ही भक्ति में बीतें मेरे ये दिन रैन रे

शंकर भोले जग का तुम आधार रे
शंभु तेरी महिमा अपरंपार रे।

अधमुँदी आंखों से भोले
ताके तू संसार रे

हे शिव शंकर नयन तो खोलो।

तेरे दरश के प्यासे हम।

शिव जी का डमरू बोले डम डम डम।
अरे डम डम डम डम।

कैलास पति ओ औघरदानी।
तेरी महिमा सबने है जानी।

बेल की पत्तियां तुम्हे रिझानी

देव,असुर एक पाँव से नाचे।
जब डमरू बजायें शिव गुण खानी।

सुर नर मुनि सब धयान लगानी।

तू जब जब करें नंदी की सवारी।
झूमे नाचे गाये त्रिभुवन।।।

शिव जी का डमरू बोले डम डम डम।
अरे शिव जी का डमरू बोले
डम डम डम डम



Credits
Writer(s): Neeraj Patel
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