Mere Hi Liye

दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे

सामने से निकला मेरे चाँद ये अभी
पूरा हो गया हो जैसे ख़्वाब ये कोई
मैं साँसें तो ये भर रहा हूँ, पर मगर ये लग रहा है
साथ उसके निकली जैसे जान ये अभी

ये लगता है कि बादलों से आई हो मेरे ही लिए
धीमे-धीमे मुस्कुराई हो मेरे ही लिए
मैंने आसमान और दो जहानों की
कभी भी ख़्वाहिशें नहीं की, फिर भी
जन्नतें ज़मीन पर यूँ लाई हों मेरे ही लिए
एक तरफ़ ये रात का नशा
एक तरफ़ हैं आँखें ये तेरी
साक़ी ने तो प्याला भर दिया
फिर भी तेरी आँखों से ही पी

एक तरफ़ ये शाम ढल रही
एक तरफ़ ये इश्क़ का जुनूँ
एक तरफ़ ये दुनिया सारी
एक तरफ़ है मेरे लिए तू

ये चाहतों की गलियों में जो आई हो मेरे ही लिए
ये जो थोड़ा शरमाई हो मेरे ही लिए
क्यूँ सिवा तेरे ना कोई और दिखे मुझे?
ये मर्ज़ तुम हो और तुम ही दवाई हो मेरे ही लिए

दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
हाँ, ये कैसी हवाएँ हैं जो
तेरे गालों को छू के गुज़रती हैं?
हम तो एक नज़र जो देख लें तुझे
आँखें पलकें झपकने से डरती हैं

एक बार तो पुकार दिल से तू मुझे
मुझको है चढ़ा बुखार इश्क़ का तेरे
आज भी मैं सब से बस ये पूछा ये करूँ
तन्हा रातों में आँखें भीगी, दिल ये क्या करे?

वो जो सारे मैंने ख़्वाब जो भी सींचे हैं तेरे ही लिए
दिल में फूलों के बगीचे हैं तेरे ही लिए
तू जो कह दे एक बार, चाँद क्या है
सारे तारे तेरे क़दमों के नीचे हैं तेरे ही लिए

दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे
दम-दा-रा-रा-रे, दम-दा-रा-रे, दम-दा-रा-रे



Credits
Writer(s): Aditya Rikhari
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link