Bolo Radhe Radhe Shyam

(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा)
(राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा)
(जय-जय श्री राधे-कृष्णा)

वृंदावन की पावन गलियों में हम ले जाते है
...तुमको हम ले जाते है
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

राधा की चुनरी की चमक, पायल की खनक है जहाँ
राधे-कृष्ण के प्रेम से लिपटी आज महक है वहाँ
विरह की अग्नि ने छोड़ी थी आज दहक है जहाँ
गोपियों के मारे तानों की आज चहक है यहाँ

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")
("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")

बरसाना है, निधिवन है और नंद का गाँव
यशोमति मैया का आँचल है और कदंब की छाँव
यमुना का तीरा भी है और उसमें थिरकती नाँव
माटी में दिखते कान्हा के छोटे-छोटे पाँव

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")
("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")

आज भी मोहन जहाँ-जहाँ बंसी बजाते है
अपनी प्यारी राधे के संग रास रचाते है
महारास है ऐसा जो हम देख ना पाते है
युगल जोड़ी सरकार की लीला बताते है

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")
("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")

"राधे-श्याम" ना पूरा हो जो संग ना हो राधे
"राधे" नाम बिना अधूरे श्याम रहे आधे
प्रेम की जोड़ी ऐसी है, आओ, तुमको मिलवा दे
राधे-श्याम का नाम कोई मेरे दिल में जड़वा दे

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")
("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")

कण-कण में यहाँ श्याम है, राधे का है नाम
"राधे-राधे" रटते रहते सब ही आठों-याम
भव-बंधन सब दूर है, माया का ना काम
ठाकुर जी, ठकुराइन के चरणों में ही आराम

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")
("राधे-श्याम" बोलो, "राधे-श्याम")

हे, श्री जी और ठाकुर जी, तुम्हें नमन हमारा है
पावन ऐसा बंधन ये जाने जग सारा है
लीला राधे-श्याम की अपरंपारा है
जिसने नाम ये धारा उसको पार उतार है

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)

जहाँ आसमान से बादल प्रेम का रस बरसाते हैं
...प्रेम का रस बरसाते हैं
ठाकुर जी और ठकुराइन से हम तुम्हें मिलाते है
...हम तुम्हें मिलाते है

(वृंदावन पावन धाम)
(बोलो, "राधे-राधे, श्याम")
(भज लो राधे का नाम)
(हमें आज मिलेंगे श्याम)



Credits
Writer(s): Kapoor Sandeep, Mahesh Prabhakar
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