Hans Do To Mohabbat Ho Tum

हँस दो तो मोहब्बत हो तुम
ओ, रूठो तो क़यामत हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम

हँस दो तो मोहब्बत हो तुम
ओ, रूठो तो क़यामत हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम

जान-ए-गुलिस्ताँ तुम हो, हाय
हुस्न-ए-बहार तुम हो
लब ये खिलें तो, गुंजा-गुंजा मुस्कुराए
हर फूल महके, हर तमन्ना झूम जाए

बा-ख़ुदा खूब हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम

प्यार की तुम शबनम हो, हाय
गाती हुई रिमझिम हो
खिली चाँदनी का भीगा-भीगा नूर हो तुम
ख़्वाब-ए-सहर से जागी-जागी हूर हो तुम

बा-ख़ुदा खूब हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम

शाम सी उड़ती ज़ुल्फ़ें, होए-होए
जाम सी झुकती पलकें
आँखों में जैसे छलकी-छलकी है गुलाबी
थोड़ी सी पी के हो गया हूँ मैं शराबी

बा-ख़ुदा खूब हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम

हँस दो तो मोहब्बत हो तुम
ओ, रूठो तो क़यामत हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम
बा-ख़ुदा खूब हो तुम



Credits
Writer(s): Jagmohan Bakshi, Lyallpuri Naqsh, Jagmohan Sapan
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