Zara Zara

मैं दिन सा तेरे साथ था, तेरे बिना मैं रात हूँ
तेरे लबों पे ना रुका जो, मैं वही तो बात हूँ

मैं ज़रा-ज़रा सा मुझमें हूँ, तू ज़रा-ज़रा सा खुद में है
हम पूरे-पूरे होते साथ में
मैं ज़रा-ज़रा सा मुझमें हूँ, तू ज़रा-ज़रा सा खुद में है
हम पूरे-पूरे होते साथ में

आँखों की हालत मेरी बरसात सी है
कुछ दिन की ज़िंदगी है, कुछ रात की है

Whoa, आँखों की हालत मेरी बरसात सी है
कुछ दिन की ज़िंदगी है, कुछ रात की है
टुकड़े मेरे भी तुमको चुभते रहेंगे
दिल काँच का है, धड़कन भी काँच की है

मैं ख़फ़ा-ख़फ़ा सा रहता हूँ, तू ख़फ़ा-ख़फ़ा सी रहती है
हम दोनों हँसते रहते साथ में
मैं ज़रा-ज़रा सा मुझमें हूँ, तू ज़रा-ज़रा सा खुद में है
हम पूरे-पूरे होते साथ में

साथ में, whoa



Credits
Writer(s): Himanshu Kohli, Yug Bhusal
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