Tujhe Haal Dikha Na Sake

तुमको बताया है हर राज़ जाने क्यूँ
जो ख़ुदसे कह ना सके
ग़ैरों में शामिल हुए हम ऐसे
होके हमारे ना रह सके

रिश्ते को दे-दे कोई नाम
या ख़्वाह-मख़ाह रहने दे लबों पे इनकार, रहने दे

तुझे हाल दिखा ना सके, पर इश्क़ छुपा ना सके
हम कैसे हैं ज़िंदा, हाँ, तुझको बता ना सके
तुझे हाल दिखा ना सके, पर इश्क़ छुपा ना सके
हम कैसे हैं ज़िंदा, हाँ, तुझको बता ना सके

अब राहों को मेरी ये आदत हो चली
तेरी आहट की तरफ़ मुड़ जाती है
कब सुबह शामों में बदलने लगी
इक याद जो यादों से जुड़ जाती है

ले जा ज़रा कोई सहर, ओ, बेख़बर
ये रातें ढलने दे, मौसम बदलने दे

तुझे हाल दिखा ना सके, पर इश्क़ छुपा ना सके
हम कैसे हैं ज़िंदा, हाँ, तुझको बता ना सके
तुझे हाल दिखा ना सके, पर इश्क़ छुपा ना सके
हम कैसे हैं ज़िंदा, हाँ, तुझको बता ना सके



Credits
Writer(s): Prateek Gandhi
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