De Ijaazat (Cover)

मैं वो साहिल था जिसमें लहर ना ठहरे
मैं वो दिन-रात था जिसमें पहर ना ठहरे
आने से तेरे क्या हुआ?
सब कुछ नया सा लगे, hmm-umm

साँसे हैं जब तक, तुझसे मोहब्बत
करता रहूँ मैं, दे इजाज़त
जिस्म से मेरे रूह है जुदा तक
तेरा रहूँ मैं, दे इजाज़त

तेरी नज़र, अदाएँ तेरी, तुझसे खिली फ़िज़ाएँ मेरी
तू जो मिल, लगा मुझे रब ने सुनी दुआए मेरी
पाया तुझे तो सब मिला
अब चाहिए क्या मुझे? hmm-umm

साँसे हैं जब तक, तुझसे मोहब्बत
करता रहूँ मैं, दे इजाज़त
जिस्म से मेरे रूह है जुदा तक
तेरा रहूँ मैं, दे इजाज़त



Credits
Writer(s): Yakshaj Jagtap, Ishaan Khan
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