Ho Sake Toh

है इल्तिजा, इतनी सज़ा
दो ना मुझे कि मैं सह ना सकूँ

है इल्तिजा, इतनी सज़ा
दो ना मुझे कि मैं सह ना सकूँ
जीने की तुम हो वजह
पर तुम से ही कह ना सकूँ

ढूँढूँगा फिर मैं हाथ तेरा
थामूँगा किस को मैं यहाँ
आँखें पूछेंगी तेरा पता
ढूँढेंगी तुझ को हर जगह

हो सके तो दूर ना जा
बहाने से यहीं रुक जा
हो सके तो दूर ना जा
बहाने से यहीं रुक जा

तुम बिना अब किस पे हक़ जताएँगे हम?
किस को अब अपना बुलाएँगे हम?
होंगे ना तुम तो ना होगी ख़्वाहिश कोई
इससे अच्छा तो मर ही जाएँगे हम

दिल को है तुम से उंस बड़ा
तेरे ही ख़ातिर धड़क रहा
आँखें पूछेंगी तेरा पता
ढूँढेंगी तुझ को हर जगह

हो सके तो दूर ना जा
बहाने से यहीं रुक जा
हो सके तो दूर ना जा
बहाने से यहीं रुक जा, रुक जा

क्या करूँ उन शामों का मैं
किरणें ना जिसकी है तू
क्या करूँ उन रातों का मैं
चाँद ना जिसका है तू?

हो सके तो दूर ना जा
बहाने से यहीं रुक जा
हो सके तो दूर ना जा
बहाने से यहीं रुक जा



Credits
Writer(s): Meet Bros, Thaakur
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