Yaara

तूने जाते-जाते ना बात की
ऐसी भी, यारा, क्या नाराज़गी
तू मेरी शामों का एक तन्हा साथी था
बाक़ी था कुछ कहना, कुछ सुनना बाक़ी था

आजा रे, आजा, मुड़ के दोबारा
क्या कोई ऐसे जाता है, यारा?
आजा रे, आजा, मुड़ के दोबारा
क्या कोई ऐसे जाता है, यारा?

यारा, यारा मेरे, ये क्या हुआ?
ख़ाली जा रही है क्यूँ हर दुआ?
ऐसी भी क्या ज़िद है? इतना क्यूँ रूठा है?
मेरा भी दिल तेरे जैसा ही टूटा है

आजा रे, आजा, मुड़ के दोबारा
क्या कोई ऐसे जाता है, यारा?



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir Shukla, Sam Charles
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