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ब्रह्मदेव

(ॐ, ॐ, ॐ) नमामि
(ॐ, ॐ, ॐ) नमामि

रामेश्वराय जापं नमामि
नाशं जवाल तापं अग्नि
धू-धू धधक रे-रे
अनल पावक नमः दाहक नमामि

ज्वालं कपाल तापं नमामि
उग्रं महाविनाशक अग्नि
धू-धू धधक रे-रे
अनल पावक नमः दाहक नमामि

(ॐ, ॐ, ॐ) नमामि
(ॐ, ॐ, ॐ) नमामि

नीलकंठ तू, दया-दंड तू
निजं, निर्गुणं, निर्विकल्पम्
अंधकार का तू प्रकाश
तू चिताकाश, महाकाश भजेहम्

तू विनाश, तू ही इलाज
हर संकट का तू सर्वनाश
जो भूले-भटके, करे मोक्ष प्राप्त
तेरा ही नाम करके वो जाप

करे कठोर क्रम, वो जाने
भोग के त्याग में ज्योत, वो जागे
जो दुख-दर्द का बोझ उठाले
ब्रह्मदेव का मुकुट सँभाले

हर तूफान उनके गुण गावे
इस दहाड़ से शेर भी काँपे
तीनों लोक में बजते ढोल जो
महावीर के कदम पधारे

दाहक कपाल पावक नमामि
प्रारंभ स्वभाव भीषण अग्नि
धू-धू धधक रे-रे
अनल पावक नमः दाहक नमामि

घनघोर उदाप श्रापं नमामि
शक्ति चपल विनाशं अग्नि
दैह-दैह दहक भके-भक धधक
केशव नमः उदाशण नमामि

(ॐ, ॐ, ॐ) नमामि
(ॐ, ॐ, ॐ) नमामि



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Amitabh Bhattachary
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